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शनिवार, 10 जुलाई 2010

शिक्षा के क्षेत्र में विदेशी दखल


आज प्राथमिक शिक्षा  से लेकर उच्च शिक्षा तक धनाधीन होने के कारण शिक्षा क्षेत्र व्यवसाय क्षेत्र में तब्दील हो गया है। इसी कारण से इस क्षेत्र में विदेशी विश्वविद्यालयों से सम्बद्धता को ऊत्क्रष्टता के प्रमाण के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। जिसके कारण हमारी प्रतिभा का पलायन जारी है। भारत देश में प्रबंधन संस्थानों कि संख्या लगातार बढती जा रही है, लेकिन प्रबंधन बिगड़ता जा रहा है। देश में प्रबंधन संस्थानों कि संख्या बढ़ना एक अच्छा सन्देश है, परन्तु इन संस्थानों से निकलने वाले ५ प्रतिशत युवा भी स्वरोजगार कि ओर उन्मुख नहीं होते है, बल्कि बहुराष्ट्रीय कंपनी में अपनी सेवाएं उपलब्ध कराते है। इसके साथ ही बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा  अच्छे रोजगार के नाम पर युवाओं का शोषण भी जारी है। ये बहुराष्ट्रीय कंपनियां इन युवायों को एक आयु तक प्रयोग करने के बाद कंपनी से निकल देते है। इसके साथ ही इन युवाओं के बहुराष्ट्रीय कंपनियों में कार्य करने के कारण ये अपनी संस्कृति एवं रीति-रिवाजों से भी दूर हो जाते है।