![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiw9y8yrlX1ovcCRsoy19GJdXDoUimv00NoFnqTV44PlecW27C8BVnAMIgiiISZEfAD8Z4DYYDSqpMxoVuiTm_5mBxSqM7RMnUebBuc6v6W68M6u7jXzrKRGYPe1aEhbUzBtBdLNRniYA/s320/akbar.jpg)
छोटी आयु में राज्य की जिम्मेदारियां सँभालने के कारण अकबर पढाई नहीं कर पाया था । आश्चर्यजनक तथ्य यह है की उसे न तो लिखना आता था और ना ही पढना आता था । पढना-लिखना ना आने के बावजूद भी वह परिस्थितियों से अंजान नहीं था । ज्ञान के रूप में उसने जो कुछ भी प्राप्त किया केवल सुनकर ही प्राप्त किया । वह बड़े-बड़े दार्शनिकों, मुल्ला-मौलवियों के साथ बैठकर चर्चा किया करता था . इसके लिए अकबर ने इबादतखाना बनवाया था .