
प्रायः देखा गया है कि कुछ बच्चे अपनी माँ की अनुपस्थिति में बहुत रोते है और उनके लिए अपनी माँ की अनुपस्थिति असहनीय होती है,पर इसके विपरीत कुछ बच्चों में माँ की अनुपस्थिति उनपर कोई विशेष प्रभाव नहीं डालती है। वैज्ञानिकों ने शिशुओं में दिखने वाले इस अंतर के जेनेटिक आधार का पता लगाने का प्रयास किया।
शिशुओं का अपनी माँ के प्रति विशेष लगाव उनकी विशिष्ट जीन-संरचना के कारण होता है। शोध के अनुसार जब बच्चे अपनी माँ के साथ होते है, तब उनके शरीर में ओपिआँइड नामक प्राकृतिक रसायन उत्पन्न होता है। जब ये रसायन उनके मस्तिष्क में पहुँचता है, तो बच्चों को कुछ देर के लिए आनंद एवं संतोष की अनुभूति होती है। यह रसायन ठीक वैसा ही कार्य करता है जैसा मार्फीन का नशा। बस अंतर यह होता है कि इस रसायन के प्रभाव से बच्चा नशे के विपरीत स्फूर्त रहता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार यदि मष्तिष्क में ओपिआँइड को बनाने वाले जीन में कुछ परिवर्तन कर दिया जाये तो शिशु इस रसायन के प्रति अत्यधिक सवेदनशील हो जाता है।
शिशुओं का अपनी माँ के प्रति विशेष लगाव उनकी विशिष्ट जीन-संरचना के कारण होता है। शोध के अनुसार जब बच्चे अपनी माँ के साथ होते है, तब उनके शरीर में ओपिआँइड नामक प्राकृतिक रसायन उत्पन्न होता है। जब ये रसायन उनके मस्तिष्क में पहुँचता है, तो बच्चों को कुछ देर के लिए आनंद एवं संतोष की अनुभूति होती है। यह रसायन ठीक वैसा ही कार्य करता है जैसा मार्फीन का नशा। बस अंतर यह होता है कि इस रसायन के प्रभाव से बच्चा नशे के विपरीत स्फूर्त रहता है।
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इस पोस्ट के लिेए साधुवाद
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