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शनिवार, 29 मई 2010

महत्व ज्योतिर्लिंग का



क्या आप जानते है क़ि ज्योतिर्लिंग क्या है ? कहाँ है ?
ज्योतिर्लिंग का आशय शिवजी के प्रतीक चिन्ह के रूप से है। त्रेता युग की बात है, रावण शिवजी का परम भक्त था और रावण ने शिवजी से यह वरदान माँगा था क़ि वह शिवजी को श्रीलंका में स्थापित करना चाहता है। लेकिन शिवजी यह नहीं चाहते थे, लेकिन रावण को वरदान जो दिया था क़ि जो मांगोगे वही मिलेगा। रावण ने शिवजी को उठाकर ले जाना चाहा तो शिवजी अपना वजन बढाकर गिर पड़े। तभी से शिवलिंग की स्थापना गोला-गोकर्णनाथ (लखीमपुर-खीरी) में हुई , जो आज भी सर्वव्यापी है। भारत देश में कुल १२ शिवलिंग है जैसे- सोमनाथ (सौराष्ट्र) , महाकालेश्वर (उज्जैन) , ओंकारेश्वर (नर्मदा तीर) , बद्रीनाथ (उत्तराखंड) , विश्वेश्वर (वाराणसी) , रामेश (सेतुबंधु रामेश्वरम) आदि । भगवान भोलेनाथ के नाम पर प्रसिद्ध इन शिवलिंगों को देखने के लिए श्रद्धालु वर्ष-भर आते-जाते रहते है , जो इनके महत्व को दर्शता है।

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